चंडीगढ़ नगर निगम अधिनियम में बदलाव का अधिकार

Power to amend Chandigarh Municipal Corporation Act

Power to amend Chandigarh Municipal Corporation Act

Power to amend Chandigarh Municipal Corporation Act: चंडीगढ़ नगर निगम (Chandigarh Municipal Corporation) का गठन पंजाब नगर निगम अधिनियम, 1976 के तहत हुआ था, जिसे चंडीगढ़ के लिए लागू किया गया। इस अधिनियम के तहत:नियमों में संशोधन: प्रशासक को चंडीगढ़ नगर निगम (प्रक्रिया और व्यवसाय संचालन) विनियम, 1996 जैसे नियमों में संशोधन करने का अधिकार है, बशर्ते यह केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों और कानूनी ढांचे के अनुरूप हो। उदाहरण के लिए, हाल ही में प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने मेयर चुनाव की प्रक्रिया को गुप्त मतदान से बदलकर हाथ उठाकर मतदान करने की मंजूरी दी। यह संशोधन नगर निगम के नियमों के तहत किया गया, न कि अधिनियम में सीधे बदलाव करके।सीमित अधिकार: नगर निगम अधिनियम में बड़े बदलाव (जैसे अधिनियम की धाराओं में संशोधन) का अधिकार संसद या केंद्र सरकार के पास है। प्रशासक केवल प्रशासनिक और कार्यकारी स्तर पर नियमों को लागू करने या मामूली संशोधनों को मंजूरी देने तक सीमित है।3. प्रशासक की शक्तियों की सीमाएँकेंद्र के अधीन: प्रशासक की शक्तियाँ केंद्र सरकार के नियंत्रण में हैं। वे स्वतंत्र रूप से न तो संविधान में बदलाव कर सकते हैं और न ही नगर निगम अधिनियम में बड़े संशोधन कर सकते हैं।न्यायिक समीक्षा: प्रशासक के निर्णय सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट की न्यायिक समीक्षा के अधीन हैं। उदाहरण के लिए, 2024 में अनिल मसीह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव में हेराफेरी पर प्रशासक के निर्णय को पलट दिया था।स्थानीय निकायों पर नियंत्रण: प्रशासक को नगर निगम के कामकाज पर निगरानी और कुछ हद तक नियंत्रण का अधिकार है, लेकिन यह नियंत्रण नगर निगम के स्वायत्त ढांचे के भीतर ही होता है।4. हाल का उदाहरण: मेयर चुनाव नियम में बदलावप्रशासक गुलाब चंद कटारिया द्वारा मेयर चुनाव की प्रक्रिया में बदलाव (गुप्त मतदान से हाथ उठाकर मतदान) का निर्णय चंडीगढ़ नगर निगम (प्रक्रिया और व्यवसाय संचालन) विनियम, 1996 के नियम 6 में संशोधन के तहत लिया गया। यह बदलाव प्रशासक के अधिकार क्षेत्र में था, क्योंकि यह नगर निगम के आंतरिक नियमों से संबंधित है, न कि पूरे अधिनियम में संशोधन। इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और पार्षदों की कथित खरीद-फरोख्त को रोकना था।निष्कर्षचंडीगढ़ के प्रशासक को संविधान में बदलाव करने का कोई अधिकार नहीं है; यह अधिकार केवल संसद के पास है। नगर निगम अधिनियम में भी बड़े बदलाव का अधिकार संसद या केंद्र सरकार के पास है, लेकिन प्रशासक को नगर निगम के नियमों (regulations) में सीमित संशोधन करने की शक्ति प्राप्त है, जैसा कि हाल के मेयर चुनाव नियम के मामले में देखा गया। ये संशोधन केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों और कानूनी ढांचे के अधीन होते हैं।